तेरहवीं की विदाई सुनहरे त्रिकोण का तेरह दिन।। तेरहवीं की विदाई सुनहरे त्रिकोण का तेरह दिन।।
संघर्ष संघर्ष
इस कविता में मैंने जीवन के संघर्ष की कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं... इस कविता में मैंने जीवन के संघर्ष की कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं...
खुद तकलीफ़ सहकर भी सदा ही वह हँसती रहती... खुद तकलीफ़ सहकर भी सदा ही वह हँसती रहती...
कुछ मोड़ रहे गये मंज़िल में, इनको को भी तू अब पार लगा। कुछ मोड़ रहे गये मंज़िल में, इनको को भी तू अब पार लगा।
दिल में एक, अपूर्णंता का शोर, कुछ अधूरी ख़्वाहिशों की , दिल में एक, अपूर्णंता का शोर, कुछ अधूरी ख़्वाहिशों की ,